Wednesday, 12 June 2013

खाद्य सुरक्षा बिल या चुनावी मोहरा

भारत निर्माण पर "हक़" है मेरा या "शक़" है मेरा
यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने की जल्दी में दिख रही है। माना जा रहा है कि सरकार आज खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश लाएगी। कांग्रेस की नजर में यह विधेयक आगामी संसदीय चुनाव में गेम चेंजर हो सकता है।इस बिल के प्रावधानों में देश की 67 फीसद आबादी को अति रियायती दर यानी एक रुपये किलो मोटा अनाज, दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल उपलब्ध कराना है।  हालांकि, कैबिनेट में इसके विरोध में आवाज उठाने वाले भी हैं, जिससे इसके पारित होने पर संदेह बना हुआ है। 
बदलते राजनीतिक हालात को देखते हुए मनमोहन सिंह सरकार .नही..नही..सोनिया सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने की जल्दी में है। विधेयक को लागू करने के लिए सरकार अध्यादेश जारी करने की तैयारी में है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने पिछले हफ्ते खाद्य सुरक्षा विधेयक को अध्यादेश के जरिए जाने पर अपनी नाराजगी जताई थी। 
विरोधी पार्टी इस बिल का पुरज़ोर विरोध कर रही है| उनका इल्ज़ाम है यह बिल जनता को फुड कम भ्रष्टाचार ज़्यादा देगी| सरकार भी बिल को लेकर पास कराने से ज़्यादा राजनीति का मोहरा बनाने में जुटी हुई है| शायद राजनेता भूल रहे है कि जनता उनके खे को पहचानती है|

जय हिन्द

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